NAGARIKARAN OR BHARATIY GRAMIN SAMAJ KA BADALATA PARIDRSHY
नगरीकरण, ग्रामीण जीवन, विवाह, परिवार
मानव समाज निरंतर परिवर्तन की प्रक्रिया से गुजर रहा है। यह परिवर्तन अनेक प्रक्रिया द्वारा अनेक चरणों में संपन्न होता है। परिवर्तन की प्रक्रिया में नगरीकरण का विशेष स्थान रहा है। भारत में नगर का प्रमाण सिंधु सभ्यता से प्राप्त होता है; परंतु आधुनिक समय में इसका जो व्यापक स्वरूप दिखाई दे रहा है वह औद्योगिकरण की प्रक्रिया के बाद से प्रारंभ हुआ है। इस प्रक्रिया का एक व्यापक प्रभाव हमें ग्रामीण समाज में देखने को मिलता है; क्योंकि भारत की जनसंख्या का एक बड़ा भाग इन्हीं क्षेत्रों में निवास करता है। नगरीकरण के कारण विवाह, परिवार और जाति जैसी संस्थायें प्रभावित हुई हैं। प्रस्तुत शोध में इन्हीं परिवर्तनों को समझने का प्रयास किया गया है।
"NAGARIKARAN OR BHARATIY GRAMIN SAMAJ KA BADALATA PARIDRSHY", IJNRD - INTERNATIONAL JOURNAL OF NOVEL RESEARCH AND DEVELOPMENT (www.IJNRD.org), ISSN:2456-4184, Vol.7, Issue 6, page no.770-774, June-2022, Available :https://ijnrd.org/papers/IJNRD2206089.pdf
Volume 7
Issue 6,
June-2022
Pages : 770-774
Paper Reg. ID: IJNRD_181845
Published Paper Id: IJNRD2206089
Downloads: 000118837
Research Area: Social Science and Humanities
Country: Varanasi, U.P., India
DOI: http://doi.one/10.1729/Journal.30935
ISSN: 2456-4184 | IMPACT FACTOR: 8.76 Calculated By Google Scholar | ESTD YEAR: 2016
An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 8.76 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator
Publisher: IJNRD (IJ Publication) Janvi Wave