INTERNATIONAL JOURNAL OF NOVEL RESEARCH AND DEVELOPMENT International Peer Reviewed & Refereed Journals, Open Access Journal ISSN Approved Journal No: 2456-4184 | Impact factor: 8.76 | ESTD Year: 2016
Scholarly open access journals, Peer-reviewed, and Refereed Journals, Impact factor 8.76 (Calculate by google scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool) , Multidisciplinary, Monthly, Indexing in all major database & Metadata, Citation Generator, Digital Object Identifier(DOI)
संसार के समस्त प्राणियों में मानव सबसे अधिक चिन्तनशील प्राणी है। जन्म से ही मानव चेतन परिस्थितियों के प्रभाव के कारण चिन्तनशील होता है। जिसके कारण वह इच्छायें प्रकट करता है। आकांक्षा के कारण ही वह आसपास के व्यक्तियों एवं वस्तुओं को देखकर स्वाभाविक रूप से क्रियाशील रहता है। मानव जन्म से ही जिज्ञासु रहता है। यदि मनुष्य के अन्दर आकांक्षायें समाप्त कर दी जायें तो उसका जीवन स्थिर सदृश्य हो जायेगा। आकांक्षा ही मनुष्य को जीवन स्तर में सुधार हेतु प्रेरित करती है। आकांक्षा के कारण ही मनुष्य चाहे किसी भी समाज से संबद्ध हो, किसी भी कार्य को संपादित करता है। शिक्षा का समुचित विकास वर्तमान वैश्विक दुनिया की सबसे बड़ी आश्यकता है और इस आवश्यकता से राष्ट्र विकास की पूँजी को सुदृढ़ भी किया जा सकता है और उन्नत भी किन्तु इसके लिए सबसे मुख्य बात यह है कि शिक्षक सक्रिय भागीदारी करे वह भी प्रसन्नता के साथ यह तभी सम्भव है जब शिक्षक अपने कार्य या व्यवसाय से सन्तुष्ट हो। अतः यह जानना आवश्यक है कि शिक्षक की व्यावसायिक सन्तुष्टि कैसी है? इस कारण से अध्ययन की आवश्यकता महसूस की गई तथा ‘‘प्राथमिक शिक्षकों के आकांक्षा स्तर का उनकी व्यावसायिक सन्तुष्टि से सम्बन्ध का अध्ययन’’ किया गया। शोध का मुख्य उद्ेश्य प्राथमिक शिक्षकों के आकांक्षा स्तर एवं व्यावसायिक सन्तुष्टि का अध्ययन एवं प्राथमिक शिक्षकों की आकांक्षा स्तर एवं व्यावसायिक सन्तुष्टि का उनके स्वतंत्र चर (लिंग भेद ) के संदर्भ में अध्ययन करना रहा। अनुसंधान कार्य में सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया गया।निष्कर्षतः प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के आकांक्षा स्तर का मान औसत से अधिक पाया गया। प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों में कुुल व्यावसायिक सन्तुष्टि एवं समस्त आयामों व्यवसाय की प्रवृत्ति ,व्यवसाय की परिस्थिति, अधिकार की प्रवृत्ति तथा संस्था की प्रवृत्ति का मान औसत से अधिक पाया गया। तथा प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के आकांक्षा स्तर एवं उनकी व्यावसायिक सन्तुष्टि एवं आयामों पर शिक्षक लिंग भेद का सार्थक प्रभाव नहीं होता है।
Keywords:
आकांक्षा स्तर, व्यावसायिक सन्तुष्टि, शिक्षक, लिंग भेद।
Cite Article:
"Praathamik Shikshakon Ke Aakaanksha Star Ka Unakee Vvyaavasaayik Santushti Se Sambandh ka Adhyayan", International Journal of Novel Research and Development (www.ijnrd.org), ISSN:2456-4184, Vol.8, Issue 5, page no.f239-f245, May-2023, Available :http://www.ijnrd.org/papers/IJNRD2305544.pdf
Downloads:
000118753
ISSN:
2456-4184 | IMPACT FACTOR: 8.76 Calculated By Google Scholar| ESTD YEAR: 2016
An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 8.76 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator
Facebook Twitter Instagram LinkedIn